
लगातार कई बार असफलता के बाद भी डटे रहिए अपने पथ पर , याद कीजिए स्वामी विवेकानंद के शब्द को की हजार बार गिरने पर भी एक बार फिर से उठो। हमेशा खुद से बोलते रहो कि मैं योग्य हूं, मेहनती हूं, कुशल हूं, उपयोगी हूं व महत्वपूर्ण व्यक्ति हूं जो मैं जल्द ही सफल हो जाऊंगा । आई.ए.एस. , आईपीएस अधिकारी बनने का सपना बहुत से युवा साथी का होता है, जब मैं या आप इसके बारे में सोचते ही है तो बहुत ही सुकुन मिलता है ,की हम उन वंचित लोगो के लिए ऐसा व वैसे योजना बनाकर उनको मुख्यधारा में लाएंगे ,फिर हम मुस्कुराने लगते है।हम ये भी जानते ही है कि इसके लिए बहुत तैयारी और एकाग्रता की जरुरत होती है,जो दृढ़ संकल्प से यह सपना एक दिन अवश्य पूरा होगा। देश में कोई एक नौकरी जिसका चार्म आजादी से लेकर अब तक बरकरार है, वह यूपीएससी क्लियर करना ,हिन्दी पट्टी में तो आज भी आईएएस हो जाना सफलता का सबसे बड़ा मापदंड माना जाता है,आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में सफल होने के बाद कैंडिडेट रैंक के आधार पर IFS, IAS, IPS, IRS और IIS बन जाते है, लेकिन क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि यह परीक्षा तीन चरणों में होती है. प्री,मेन्स और साक्षात्कार जो की ये तीनों चरण हम अपने दृढ़ संकल्प से पूरा कर लेंगे।एक बार जब आप यह सुनिश्चित कर लेते है कि आपको सिविल की तैयारी करनी है तो आपको इसके लिए स्पष्ट और दृढ़ रहना ही चाहिए। आपको समय के साथ बार बार अपने लक्ष्य को नहीं बदलना चाहिए, क्योंकि यह संभव है कि आप अपने पहले प्रयास में असफल रहें, लेकिन आपको उम्मीद कभी नहीं छोड़नी चाहिए,यह अभ्यास ही है जो किसी व्यक्ति को संपूर्ण बनाता है, आप मेरा विश्वास करें ऐसे कई उम्मीदवार भी रहे है जिन्होंने अपनी अंतिम कोशिश में परीक्षा को अच्छे रैंक के साथ उत्तीर्ण किए है। इसलिए आज ही आप अपनी विफलता को छोड़िए और आगे बढ़िए,आपका अभ्यास, सुधार व पुनः प्रयास ही आपको इस परीक्षा में सफल बनाने की तीन मंत्र है।दूसरी बात यह भी कि जो लोग आपको प्रेरित करते है उन्हें कभी नही भूलना चाहिए, क्योंकि प्रेरणा भले ही आपसे दूर हो जाती है लेकिन प्रेरक हमेशा आपके साथ ही बना रहता है। इसलिए प्रेरणा खोजे और खुद पर विश्वास रखे, यह निश्चित रुप से आपका मदद करेगा। अंत में एक बात जरूर याद रखना की बीज से अंकुर तभी फूटता है जब वह फटता है और बाद में यही अंकुर एक महावृक्ष बन जाता है, मतलब कि आप के ही भीतर सभी शक्तियां पहले से ही निहित है, महान से महानतम बनने के बीज आपके ही अंतः करण में मौजूद है, इसलिए कहता हूं कि जो अपनी शक्तियों को पहचान लेगा वही सफलता के शिखर पर पहुंचेगा वहीं कुछ करके दिखाएगा और एक दिन महान से महानतम बन जाएगा, बाकी लोग तो केवल समय पूरा करने के लिए इस धरती पर आते हैं और गुमनामी की मौत मर कर भुला दिए जाते हैं।
आईएएस मेंटर/चिंतक /सोशल एक्टिविस्ट/दिल्ली विश्वविद्यालय 9069821319 लेखक आईएएस/पीसीएस के छात्रों को मार्गदर्शन के साथ ही स्लम बस्तियों के बच्चो के उत्थान के लिए कार्य करते हैं ।

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