#Astro #Neha gupta
#Whatsapp no-9654032267
#महाशिवरात्रि 2022 : #पंचग्रही योग बना रहा अद्भुत संयोग, पूजन विधि, मुहूर्त सहित सभी जानकारी एक Click में, एक #लोटा जल भी खास
महाशिवरात्रि 2022 #शिवरात को #पंच ग्रही योग बना रहा खास। बाबा #भोलेनाथ एक लोटा जल से ही हो जाते प्रसन्न लेकिन विधिविधान से शिवरात पर होती बाबा की पूजा। भागलपुर के शिवालयों की रंगाई-पोताई की जा रही
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का खास महत्व।
महाशिवरात्रि को लेकर #शहर और आसपास में चहल पहल बढ़ गई है। शिव #मंदिरों की सफाई व रंगाई-पोताई शुरू हो गई है। एक मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व है। इस पर्व को मनाने की तैयारी सभी #शिवधामों पर जोरों से चल रही है। महाशिवरात्रि पर बूढ़ानाथ महादेव मंदिर में शहर का सबसे खास #आयोजन होता है। इसके अलावा सबौर के जोड़ा शिवलिंग सोहड़ा महादेव परिसर में भव्य मेला, #अंतरराज्यीय अखाड़ा, लोकगाइका देवी द्वारा जागरण का आयोजन किया जाएगा।
शहर के भूतनाथ महादेव वेराइटी चौक, शिवशक्ति मंदिर आदमपुर सहित आसपास के गांवों के #शिवालयों पर महारुद्राभिषेक एवं भारी संख्या में शिवभक्तों द्वारा जलार्पण किया जाएगा। बरारी सहित शहर के कई गंगा घाटों से बड़ी संख्या में कांवरिये भी जल लेकर पदयात्रा करेंगे।
पंचग्रही योग बना रहा #शिवरात को खास:-
इस वर्ष #महाशिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त और संयोग के साथ ही पंचग्रही #योग भी बन रहे हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा से विशेष आशीर्वाद मिलेगा। बाबा #बुढ़ानाथ मंदिर के आचार्य पंडित टून्नाजी कहते हैं कि महाशिवरात्रि एक मार्च को सुबह 03.16 मिनट से शुरू होकर बुधवार, दो मार्च की सुबह 10 बजे तक रहेगी। रात्रि में शिव जी के पूजन का शुभ समय शाम 06.22 मिनट से शुरू होकर रात्रि 12.33 मिनट तक रहेगा। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन चाहे कोई भी समय हो भगवान शिव जी की आराधना करना चाहिए।
धनिष्ठा नक्षत्र में परिघ योग रहेगा। धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र #रहेगा। परिघ के बाद शिवयोग रहेगा।
ज्योतिषाचार्य! नेहा गुप्ता ने बताया कि शिवरात पर 12वें भाव में मकर राशि में #पंचग्रही योग रहेगा। मंगल, शुक्र, बुध और शनि के साथ चंद्र है। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति रहेगी। चतुर्थ भाव में राहु वृषभ राशि में जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा।
ऐसे करें शिव की पूजा:-
महाशिवरात्रि की #विधि-विधान से विशेष पूजा निशा काल में होती है। हालांकि चारों प्रहरों में कभी भी शिव की पूजा कर सकते हैं। साथ ही महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का भी विधान बताया गया है। ऐसे तो बाबा भोलेनाथ मात्र एक लोटा जल श्रद्धा से अर्पित कर देने मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन #विधिविधान से यथा संभव पूजा करने का विधान धर्म शास्त्रों में बताया गया है। बताया गया कि मिट्टी के पात्र या लोटे में जलभरकर शिवङ्क्षलग पर चढ़ाएं इसके बाद उनके उपर बेलपत्र, आक के फूल, चावल आदि अर्पित करें। जल की जगह दूध भी ले सकते हैं।
इन दस चिजों से शिव होते अति प्रसन्न:-
धतूरा – #धतूरा अर्पित करने से सभी तरह के संकटों का समाधान हो जाता है। आक- एक आक का फूल चढ़ाना सोने के दान के बराबर फल देता है। #बिल्वपत्र – बिल्वपत्र को अर्पित करने से 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान का फल मिलता है। यह शिवजी के तीन नेत्रों का प्रतीक है। देसी घी – #शिवलिंग पर घी अर्पित करने से व्यक्ति में शक्ति का संचार होता है। भांग – भांग अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे शिवजी अपने भक्तों की हर तरह से रक्षा करते हैं। चीनी -चीनी अर्पित करने से #जीवन में कभी भी यश, वैभव और कीर्ति की कमी नहीं होती है। दूध – किसी भी प्रकार के रोग से मुक्त होने और स्वस्थ रहने के लिए दूध अर्पित किया जाता है। दही – जीवन में परिपक्वता और #स्थिरता प्राप्त करने के लिए दही अर्पित करते हैं। इत्र – इत्र चढ़ाने से तन और मन की शुद्धि होती है साथ ही तामसी आदतों से मुक्ति भी मिलती है। केसर – लाल केसर से शिवजी को तिलक करने से सोम्यता प्राप्त होती है और मांगलिक दोष भी दूर होता है।
PLZ Subscribe RN Today News Channel https://www.youtube. com/channel/UC8AN- OqNY6A2VsZckF61m-g And न्यूज़ या आर्टिकल देने के लिए संपर्क करें (R ANSARI 9927141966) Contact us for news or articles