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मार्च माह में पड़ने वाले मुख्य त्यौहार और तिथियां, कौन सी तिथि है किस देवता को समर्पित – Astro Neha gupta


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#March Panchang : मार्च माह में पड़ने वाले मुख्य त्यौहार और #तिथियां, कौन सी तिथि है किस देवता को समर्पित
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Monthly Panchang : देवों के देव महादेव के त्यौहार से हो रही है मार्च #माह की शुरुआत. कैसे करें मार्च 2022 के तिथि और त्यौहारों का प्लान.
March Panchang : मार्च माह में पड़ने वाले मुख्य त्यौहार और #तिथियां, कौन सी तिथि है किस देवता को समर्पित
मार्च पंचांग 2022
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Monthly Panchang : त्यौहारों की #छड़ियां नया माह आते ही लगने लगती है. महीने की शुरुआत में माघ #कृष्णपक्ष चल रहा होगा. वैसे तो हर दिन के पंचांग का विशेष महत्व होता है. कोई विशेष तिथि और त्यौहार हमें जहां विभिन्न तरीकों से पूजा – पाठ और व्रत का अवसर देते है. वहीं ये त्यौहार मन में आनन्द, हर्ष और उल्लास भर देते हैं. लेकिन आज के समय जहां सभी अपने -अपने काम #अत्यधिक व्यस्त है जिसके कारण लोगों को तिथियों का पता लगाने और पंचांग का पता लगाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. तो चलिए आज हम लेकर आए हैं आपकी इस समस्य़ा का समाधान. जिसमें हम बात करेंगे मार्च 2022 माह में पड़ने वाले त्यौहारों और उनसे संबंधित व्रत और पूजा की.
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1 मार्च 2022 – महाशिवरात्रि व्रत
मार्च का महीना #महादेव के मुख्य त्यौहार के साथ शुरु हो रहा है. महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन कृष्ण चर्तुदशी को होता है. यह भगवान शंकर का अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है. इस व्रत को ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, नर-नारी, बालक वृद्ध हर कोई कर सकता है. इस दिन गंगाजल और दूध से भगवान शंकर के #शिवलिंग की पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं. शिवशंकर को प्रसन्न के लिए यह दिन विशेष रूप से फलदायी होता है.
सुख, संपत्ति और सौभाग्य प्राप्ति के लिए करें अमावस्या का व्रत
2 मार्च 2022, 31 मार्च 2022 – स्नानदान श्राद्धादि की अमावस्या
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं. यह अमावस्या सुख, संपत्ति और #सौभाग्य की प्राप्ति के लिए विशेष फलदायी है. जीवन में सुख और शांति के लिए फाल्गुन #अमावस्या का व्रत रखा जाता है. इसके साथ ही इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध भी किया जाता है. यदि #अमावस्या सोम, मंगल, गुरु या शनिवार के दिन हो तो, यह सूर्यग्रहण से भी अधिक फल देने वाली होती है.
उपासना के लिए बेस्ट है फाल्गुन मास
3 मार्च 2022 – फाल्गुन शुक्ल पक्ष प्रारंभ
3 मार्च 2022 से फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष का प्रारंभ हो रहा है. इस दिन #फाल्गुन शुक्ल की प्रतिपदा तिथि होगी. फाल्गुन शुक्ल पक्ष विशेष प्रकार की उपासनाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
फुलैरा दूज है फूलों की होली का दिन
4 मार्च 2022 – फुलैरा दूज
हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को #फुलैरा दूज का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष फुलैरा दूज 04 मार्च को है. इस दिन मथुरा क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण राधारानी संग फूलों से होली खलते है. इस दिन से होली की तैयारियां शुरू हो जाती हैं.
रामकृष्ण थे मां काली के उपासक
4 मार्च 2022 – रामकृष्ण परमहंस जयन्ती
स्वामी विवेकानंद के गुरु और मां काली के उपासक रामकृष्ण परमहंस का जन्म फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था. इस साल रामकृष्ण परमहंस जयंती 04 मार्च को है.
विघ्नहर्ता करते हैं सभी विघ्नों का हरण
6 मार्च 2022 – वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत
हर माह के शुक्ल पक्ष की #चतुर्थी को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा #विधिपूर्वक की जाती है. यह मार्च माह की पहली चतुर्थी है. फाल्गुन माह की विनायक चतुर्थी 6 मार्च को है. इस दिन गणेश की प्रतिष्ठित प्रतिमा का विधिवत पूजन कर तिल का भोग लगाया जाता है. कहा जाता है अश्वमेध यज्ञ के समय #महाराज सगर मे त्रिपुरापुर युद्ध में भगवान शिव ने और विघ्नों को रोकने के लिए स्वयं भगवान विष्णु ने इस व्रत को किया था.
गोरूपणी षष्ठी है भगवान कार्तिकेय को समर्पित
8 मार्च 2022 – गोरूपणी षष्ठी
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को गोरूपणी षष्ठी कहते हैं. आज के दिन भगवान कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा की जाती है. उनको स्कंद कुमार भी कहा जाता है, इसलिए यह स्कंद षष्ठी भी कहलाती है.
संतान सुख के लिए करें कामदा एकादशी का व्रत
9 मार्च 2022 – कामदा सप्तमी
कामदा सप्तमी का व्रत भक्त मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु करते हैं. इस व्रत को सालभर तक रखा जाता है. हर शुक्ल #सप्तमी के दिन कामदा सप्तमी का व्रत रखा जाता है. कामदा सप्तमी व्रत की महिमा स्वयं ब्रह्मा जी ने अपने #श्रीमुख से भगवान विष्णु को बतायी थी. इस व्रत को करने से संतान सुखी रहती है, धन, संपत्ति में वृद्धि होती है.
रंगभरी एकादशी को होती है आंवले के पेड़ की पूजा
14 मार्च 2022 – आमलकी एकादशी, रंगभरी एकादशी
रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती को विवाह के बाद पहली बार काशी लेकर आए थे. रंगभरी #एकादशी पर आंवले के पेड़ की भी उपासना की जाती है. इसलिए इस एकादशी को आमलकी एकादशी भी कहा जाता है.
भगवान शंकर के साथ करें हनुमान की भी साधना
15 मार्च 2022, 29 मार्च 2022 – भौम प्रदोष व्रत
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 15 फरवरी 2022 यानी आज मंगलवार को प्रदोष व्रत है. मंगलवार होने के कारण भौम प्रदोष व्रत का शुभ संयोग बन रहा है. #धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से भगवान शिव और हनुमान जी भक्त की सभी #इच्छाएं पूरी करते हैं. प्रदोष व्रत रखने से सुख-समृद्धि और विवाह में आने वाली अड़चनें दूर होती हैं.
भगवनत भजन के लिए है विशेष दिन
17 मार्च 2022 – व्रत की पूर्णिमा, होलिकादहन
लंबे इंतजार के बाद होली का त्यौहार अब आने ही वाला है. यह दिन भगवान की पूजा अर्चना और भगवत भजन के लिए विशेष फल देने वाला होता है. #होलिका दहन होली के त्यौहार का पहला दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन होली जलाई जाती है.
सुखों की प्राप्ति कराते हैं भगवान गणेश
21 मार्च 2022 – संकष्टी चतुर्थी व्रत
यह व्रत गणेश जी को समर्पित है. इस व्रत को करने से सभी बाधाएं दूर होती है. इस व्रत को करने से मनुष्य के सभी कार्य बिना किसी विघ्न बाधा के दूर हो जाते हैं. #भक्तों को गणेश जी की कृपा से सभी सुखों की प्राप्ति होती है.
भगवान हनुमान के बूढ़े अवतार की होती है पूजा
22 मार्च 2022 – रंग पंचमी, बुढ़वा मंगल
बुढ़वा मंगल उत्सव हनुमान जी के वृद्ध / बूढ़े रूप को समर्पित है. इस दिन भगवान #हनुमान के दर्शन कर शुद्ध मन से पूजा अर्चना करने का विधान है.
रोगों से मुक्ति दिलाता है शीतलाष्टमी का त्यौहार
25 मार्च 2022 – श्री शीतलाष्टमी
शीतलाष्टमी (बासोड़ा) का व्रत केवल चैत्र अष्टमी को होता है. होली के 7-8 दिन बाद अर्थात् चैत्र कृष्ण पक्ष में शीतला माता की पूजा की जाती है. माना जाता है कि यह पूजा करने से #बच्चों को चेचक नहीं निकलती और रोगों से मुक्ति मिलती है.
मोक्ष की प्राप्ति कराती है पापमोचनी एकादशी
28 मार्च 2022 – पापमोचनी एकादशी व्रत
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले एकादशी को पाप मोचिनी एकादशी कहा जाता है. कहते हैं कि पाप मोचिनी एकादशी व्रत रखने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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