अभी भी समय पर खून उपलब्ध नहीं होने के कारण किसी गर्भवती महिला का प्रसूति रुक जाता है, तो किसी का डायलिसिस, किसी अनीमिया मरीज का खून के अभाव के कारण दिनचर्या रुक जाता तो किसी थैलेसीमिया पीड़ित को मौत को गला लगाना पर जाता है। रक्त एक मात्र ऐसा चीज़ है जिसके मिलने का कोई दूसरा स्रोत नही होता सिवाय रक्तदान के ।
ग्रामीण स्तर पर अभी भी लोगों को रक्तदान के महत्व का पता नही हैं। लोग रक्तदान करने से कतराते हैं।पिछले कई साल से अयाची नगर युवा संगठन वैसे लोगों के बीच मे मोटिवेशन का काम करते आ रही है। साथ ही रक्तदानक के प्रति जनजागृति का काम करते आ रही है। इसके साथ ऐसे जरूरमंद लोग जिन्हें खून की जरूरत होती और उनका कोई सहारा नही होता ऐसे स्तिथि में संगठन सहायक बनके रक्त उपलब्ध कराते आ रहा हैं।
इसी बीच बिनोद कुमार को अपने पत्नी वास्ते ब्लड की जरूरत हुई । तुरंत को उनके पास कोई डोनर नही था । कुछ लोगों को डोनेट के लिए आग्रह भी किया लेकिन त्वरित कोई तैयार नही हुआ। लेकिन पेसेंट की हेमोग्लोबिन 5gm से भी कम था। जो चिंता का विषय था। अंततः परिजन अयाची नगर युवा संगठन के संस्थापक विक्की मंडल से संपर्क किया। श्री मंडल स्थिति को देखते हुए निःशुल्क सेवा के तहत एक यूनिट ब्लड संस्था के माध्यम से प्रदान किया । वहीं महावीर कैंसर हॉस्पिटल दरभंगा में भर्ती दीप के एक पिता के लिए एक यूनिट ब्लड इमरजेंसी केस में दिया गया। वहीं सरिसब-पाही के एक माँ का डायलेसिस खून के कारण रुक गया था। ततुपरांत संस्था द्वारा एक यूनिट ब्लड प्रदान किया गया ।
मौके पर विक्की मंडल ने कहा अगर हर व्यक्ति हर तीन महीनें में नियमित रूप से रक्तदान करे, तो ख़ून की कमी से किसी को न कोई तकलीफ होगी और ना ही किसी की जान जाएगी।रक्तदान करने से कोई भी नुकसान नही है।आमतौर पर लोग रक्त दान से इसलिए डरते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे शरीर में कमज़ोरी हो जाएगी। जबकि ऐसा नहीं है ब्लड डोनेट करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। रक्तदान से दिल की सेहत में सुधार होता है, वज़न कंट्रोल में रहता है, कैंसर जैसी बीमारियों का जोखिम कम होता है।
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