Home / Latest News / मध्य प्रदेश स्थापना दिवस विशेष – भारत के हृदय में बसे मध्य प्रदेश के सात अजूबों के बारे में आइए जानते हैं

मध्य प्रदेश स्थापना दिवस विशेष – भारत के हृदय में बसे मध्य प्रदेश के सात अजूबों के बारे में आइए जानते हैं


  भारत की शान और दिल मध्य प्रदेश में समृद्ध संस्कृति और इतिहास के लिए जाना जाता है। इस राज्य का इतिहास, भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और यहाँ के लोग इसे भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में से एक बनाते हैं।
मध्य प्रदेश पर कई राजवंश के राजाओं ने शासन किया। मध्य प्रदेश ने प्राचीन काल के मौर्य, राष्ट्रकूट और गुप्त वंश से लेकर बुन्देल, होल्कर, मुग़ल और सिंधिया जैसे लगभग चौदह राजवंशों का उत्थान और पतन देखा है। विभिन्न राजाओं के द्वारा कला और वास्तुशैली के विभिन्न प्रकार यहाँ विकसित हुए। खजुराहो की कामुक मूर्तियां, ग्वालियर का शानदार किला, उज्जैन और चित्रकूट के मंदिर या ओरछा की छतरियां सभी वास्तुकला के अच्छे उदाहरण हैं। खजुराहो, सांची और भीमबेटका को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है। मध्य प्रदेश की आदिवासी संस्कृति मध्य प्रदेश के पर्यटन का एक महत्वपूर्ण भाग है। यहाँ मुख्य रूप से गौंड और भील आदिवासी रहते हैं। आदिवासी कला और कलाकृतियां पर्यटन के आकर्षण का प्रमुख स्त्रोत हैं। लोक संगीत और नृत्य देश की कलात्मक विरासत है।
 
1.धुआँधार प्रपात:-
धुआँधार प्रपात मध्य प्रदेश के जबलपुर के निकट स्थित एक बहुत ही सुन्दर जल प्रपात है।भेड़ाघाट में जब नर्मदा नदी की ऊपरी धारा विश्व प्रसिद्ध संगमरमर के पत्थरों पर गिरती है, तो जल की सूक्ष्म बूँदों से एक धुएँ जैसा झरना बन जाता है, इसी कारण से इसका का नाम ‘धुआंधार प्रपात’ रखा गया है।यह प्रपात नर्मदा नदी का जल प्रपात है, जो जबलपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।घुआंधार प्रपात अपनी शांति और सुन्दर दृश्यावली से पर्यटकों का मन मोह लेता है।इसका जल लगभग 95 मीटर की ऊँचाई से गिरता है।
2.मांडू:-
मांडू मध्यप्रदेश का एक ऐसा पर्यटनस्थल है, जो रानी रूपमती और बादशाह बाज़ बहादुर के अमर प्रेम का साक्षी है। यह इंदौर से 90 किमी की दूरी पर पर स्थित मांडू अपने ऐतिहासिक किलों के लिए जाना जाता है…. इसके साथ ही साथ राजा-रानी के प्रेम का साक्षात् साक्षी, सुल्तानों के समय में शादियाबाद के नाम से जाना जाता था, जिसका मतलब है ‘खुशियों का शहर’। वास्तव में यह नाम इस जगह को सार्थक करता है। मध्य प्रदेश के हर भरे घने जंगल, नर्मदा का सुरम्य तट, यह सब मिलकर मांडू को मालवा का स्वर्ग बनाते हैं।
3.सांची :-
साँची, मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित एक छोटा सा गाँव है। यह स्थान अपने स्मारकों और बौद्ध स्तूपों के लिए प्रसिद्ध है। साँची एक टीले की तराई में स्थित है और बौद्ध स्मारकों के लिए काफ़ी विख्यात है। साँची में पर्यटन के दौरान आप कई स्तूप, पवित्र मंदिर, मठ एवं स्तंभ देख सकते हैं, जो यहाँ पर तीसरी शताब्दी ई. पू. से लेकर बारहवीं शताब्दी से हैं। साँची के स्मारकों पर नक्काशियां हैं जो इस स्थान की संस्कृति और बौद्ध मिथकों को दर्शाती हैं।
4. महेश्वर :-
मध्यप्रदेश राज्य के खरगौन जिले में स्थित महेश्वर एक बहुत ही शान्त कस्बा है। यह स्थान विरासत के मामले में बहुत धनी होने के साथ-साथ अपने शानदार हथकरघा वस्त्रों के लिये भी प्रसिद्ध है जिससे यहाँ के पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। यह मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक रूप से सबसे समृद्ध स्थानों में से एक है। महेश्वर में भगवान शिव के कई मन्दिर हैं और इस स्थान के नाम का शाब्दिक अर्थ भी “भगवान महेश्वर का घर” है, महेश भगवान शिव का एक अन्य नाम है। महेश्वर की विरासत की उच्च श्रेणी की अनोखी वास्तुकला से अक्सर पर्यटक आश्चर्यचकित हो जाते हैं।
5. उज्जैन :-
उज्जैन एक एतिहासिक शहर है जो मध्य प्रदेश के उज्जैन जि़ले में स्थित है। इसे उज्जयिनी के रूप में भी जाना जाता है जिसका मतलब है गौरवशाली विजेता। उज्जैन धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है और उज्जैन पर्यटन मुख्य रूप से अपने प्रसिद्ध प्राचीन मंदिरों के लिए देशभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह शहर शिप्रा नदी के किनारे स्थित है और शिवरात्रि, कुंभ और अर्ध कुंभ मेलों के लिए प्रसिद्ध है। उज्जैन में स्ट्रीट फूड बहुत प्रसिद्ध है और टावर चैक नामक जगह पर पर्यटक इसका मज़ा ले सकते हैं। यहाँ पर्यटक स्थानीय स्ट्रीट फूड का मज़ा ले सकते हैं जिसमें मुँह में पानी लाने वाले स्नैक्स जैसे चाट, पानी पुरी, घीयुक्त मकई के स्नैक्स तथा भेलपुरी शामिल हैं।
6 भोपाल :-
भोपाल में स्थित बड़ा तालाब या अपर लेक, देश की सबसे पुरानी मानव – निर्मित झील है। यह झील 11 वीं सदी की है और इसे स्‍थानीय स्‍तर पर बड़ा तालाब के नाम से पुकारा जाता है। एक स्‍थानीय किंवदंती के अनुसार, राजा भोज ने इस झील के निर्माण का आदेश दिया था और माना जाता है कि इस झील के पानी से ही राजा की त्‍वचा रोग संबधी समस्‍या दूर हो गई थी। इस झील को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए यहां एक सुंदर सा उद्यान भी बनाया गया है जिसे कमला पार्क के नाम से जाना जाता है। यह पार्क इस जगह की सुंदरता को और ज्‍यादा बढ़ा देता है।
7. पचमढ़ी :-
पचमढ़ी मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है। पचमढ़ी सतपुड़ा की रानी या क्वीन ऑफ सतपुड़ा के रूप में लोकप्रिय है। यह सतपुड़ा की श्रेणियों में स्थित है। यह 1110 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।पचमढ़ी में पर्यटकों के लिए कई स्थान है। पचमढ़ी में स्थित धूपगढ़ विंध्य सतपुड़ा श्रेणी का और मध्य भारत का सबसे उच्चतम बिंदु है। रोचक रूप से पचमढ़ी तश्तरी के आकार का हिल स्टेशन है। पचमढ़ी पचमढ़ी सैनिक छावनी के लिए भी प्रसिद्ध है। पचमढ़ी अपनी प्राचीन गुफाओं, स्मारकों, जलप्रपातों, प्राकृतिक सुंदरता, जंगलों और वनस्पतियों और जीव जंतुओं के लिए प्रसिद्ध है।
डॉ.सारिका ठाकुर “जागृति”
लेखिका, कवियत्री, शिक्षिका, समाजसेविका
 ग्वालियर (मध्य प्रदेश)
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