

नजीबाबाद। एक शाम मौहम्मद जीशान के नाम महफ़िल ए मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमे आये मशहूर शायरों ने उम्दा कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी।
बीती रात नगर पंचायत जलालाबाद के मौहल्ला गुलिस्तान-राहुखेड़ी में मौहम्मद ज़ैद के निवास स्थान पर एक शाम मौहम्मद जीशान के नाम महफ़िल ए मुशायरे आयोजित किया गया। मुशायरे का आगाज अकरम जलालाबादी की नाते पाक से हुआ। शमा रोशन सईद अहमद उर्फ लाला ने की।
मशहूर शायर सज्जाद झंझट ने कहा… मैं ‘झंझट’ हूँ विरासत में मिली है शायरी मुझको, मेरे अब्बा के दादा जान के दादा भी शायर थे। शायर डॉक्टर नदीम शाद ने कहा …जाने किसका हक दबाकर घर मे दौलत लाये हो, और उसपे यह सितम इसमे भी बरकत चाहिए। हसनपुर से आये युवा शायर वकार फराज़ी ने कहा…. भूल जाने की जब भी कसम खाई है, बेवफा मुझको तेरी और भी याद आई है। मशहूर युवा शायर अरक़म हसनपुरी ने कहा… वो दिन को रात कहे रात मानी जाती है, अमीरे शहर की हर बात मानी जाती है, और मेरे बदन की नफासत को कौन समझेगा, यहां लिबास से औकात मानी जाती है। जेर ए निज़ामत अल्तमश अब्बास रुड़की ने कहा… मेरे लिए मेरा जैसा ढूंढकर लाओ, किसी भी हाल में हिम्मत न हारने वाला। इम्तियाज अज़हर बिजनौरी ने कहा… महक रही है इसलिए खूशबू ए अज़हर, मैं अपनी माँ को गले लगाके आया हु।
सय्यद अहमद ने कहा… ज़माना देखता है अब मुझे मौहब्बत से, तुम्हारे छूने से मिट्टी का भाओ बढ़ने लगा।
फरीद अहमद की सदारत व बेहतरीन नाज़िम अल्तमश अब्बास रुड़की की निज़ामत में आयोजित मुशायरे में मशहूर शायर असरार चंदेरवी, उबैद अहमद उबैद, नदीम अनवर देवबंदी, मुंशी अकरम जलालाबादी, रफी बढापुरी आदि शायरों ने अपने-अपने कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी।
मुशायरा देर रात चला और श्रोताओं ने खूब आंनद लिया। इस मौके पर जलालाबाद चौकी प्रभारी दीपक, अबरार सलमानी, अज़ीज़ मुल्तानी, फ़िरोज़ सैफी, शाही अराफात सैफी, आबदीन, एमडी खान, अफशान, अशरफ आदि मौजूद रहे।
मुशायरे के अंत में मुशायरा कन्वीनर ज़ैद व जीशान ने सभी का आभार व्यक्त किया।



PLZ Subscribe RN TODAY NEWS CHANNEL https://www.youtube. com/channel/UC8AN- OqNY6A2VsZckF61m-g PLZ Subscri be न्यूज़ या आर्टिकल देने के लिए संपर्क करें (R ANSARI +919927141966)