बेंगलूरु के आदर्श शैक्षणिक संस्थान का स्वर्ण जयंती समारोह सम्पन्न
राज्यपाल गेहलोत ने मेहता व मरडि़या को ‘आदर्श समाज रत्न सम्मान’ से नवाजा
–आदर्श स्वर्णिम स्मारिका का भी हुआ विमोचन
बेंगलूरु। यहां के पैलेस मैदान के माणिक्य सभागार में महानगर के विश्व स्तरीय निजी शिक्षण संस्थान आदर्श ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस का ऐतिहासिक स्वर्ण जयंती समारोह मनाया गया। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल थावचंद गेहलोत व विशिष्ट अतिथि भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने शिरकत की। सभी का स्वागत आदर्श ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष पदमराज मेहता ने किया। संस्थान की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए मेहता ने कहा कि छोटे से स्कूल से शुरू होकर, 50 वर्षों की यात्रा में आदर्श विद्या संघ चार बड़े संस्थानों के माध्यम से वाणिज्य, प्रबंधन और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक विशाल शिक्षा प्रदान करने वाला एक विशिष्ट एवं व्यापक समूह बन गया है। पदमराज मेहता बोले कि 50 वर्षों के निरंतर अथक परिश्रम से इस संस्था ने राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की है और विभिन्न गतिविधियों में कई पुरस्कार जीतकर गौरवान्वित महसूस कर रही है। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से संस्थान छात्रों के सर्वांगीण विकास, उनकी नेतृत्व क्षमता को जागृत कर व्यावहारिक, पर्यावरण, सामुदायिक सेवा के प्रति उत्तरदायी बनाने का कार्य कर रहा है। इस अवसर पर “आदर्श” स्मारिका का भी विमोचन किया गया। आदर्श शिक्षण समूह के पूर्व अध्यक्ष केके भंसाली ने आदर्श शिक्षण समूह के वर्तमान अध्यक्ष पदमराज मेहता व सचिव जितेन्द्र मरडि़या को “आदर्श समाज रत्न” अवार्ड प्रदान करने की घोषणा की। राज्यपाल गेहलोत ने मेहता व मरडि़या को यह सम्मान प्रदान किया। कार्यक्रम में राज्यपाल गेहलोत ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री ने शिक्षा को कौशल और नैतिक मूल्यों से जोड़कर एक भारत, श्रेष्ठ भारत और आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लिया है। आज आवश्यकता ऐसी शिक्षा की है जो पूरे समाज और देश में नैतिकता का संचार करे और आधुनिक ज्ञान को मानवीय मूल्यों, धर्म-संस्कृति, राष्ट्र की एकता-अखंडता से जोड़े और समता और समरसता बनाए रखे। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को उज्ज्वल और सुरक्षित बनाने और भारत के सांस्कृतिक गौरव को पुनर्स्थापित करने और भारत को वैश्विक ज्ञान शक्ति बनाने वाली है।उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने विकलांगों को समान बनाकर सुविधाएं देने के लिए कई कार्यक्रम लागू किए हैं। जिन लोगों ने इन योजनाओं का लाभ उठाया है, वे अपने जीवन में सफलता के पथ पर हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को खेलों में भी पहचान मिली है और उन्होंने विश्व स्तरीय पुरस्कार जीतकर देश को गौरवान्वित किया है। राज्यपाल ने सामान्य विद्यार्थियों के साथ दिव्यांंग विद्यार्थियों को अध्ययन कराने के लिए आदर्श समूह के कार्यों की सराहना की। समारोह के विशिष्ट अतिथि सांसद तेजस्वी सूर्या ने आदर्श शिक्षण समूह की तारीफ की। उन्होेंने इस अवसर पर कई अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि जैन समूदाय देना जानता है। जैन समाज का सेवा के कार्यों में कोई सानी नहीं है। सचिव जितेंद्र मरडि़या ने आदर्श शिक्षण संस्थान की विस्तृत जानकारी साझा की। सांसद तेजस्वी सूर्या का परिचय चेतन मरलेचा ने दिया। महोत्सव समिति के अध्यक्ष महावीर एम. खांटेड़ सहित अनेक विशिष्ट गणमान्यजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समारोह का संचालन सह सचिव महेश नाहर ने किया। सभी का आभार संजय धारीवाल ने जताया।
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