

समृद्ध–सकारात्मक विचार, सत्कर्म व संतुलित जीवन यही सफलता का मार्ग : ज्ञानवत्सल स्वामीजी महाराज
‘सूर्यदत्ता’ की सिल्वर ज्युबिली वर्षगांठ पर ‘सूर्यदत्ता राष्ट्रीय पुरस्कारों’ का वितरण
पुणे। “भारत के अमृतमहोत्सव के काल में ‘इंडिया’ और ‘भारत’ यह दुरी बढ़ती जा रही है। आज भी अनेक लोग मूलभुत सुविधाओं के लिए जूझ रहे है, उन्हें कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हमें भारत को महत्व देकर अगले शताब्दी महोत्सव के काल में जाति-धर्म विरहीत संतुलित, सुरक्षित, सुशिक्षित, सुसंस्कृत समाज का निर्माण करना पड़ेगा। ज्ञान, बुद्धि, विचार, स्वास्थ्य, मूल्यों का संवर्धन भी जरुरी है।” यह कहा जगविख्यात शास्त्रज्ञ डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने किया। वे बोले, समाज, देश के लिए गर्व माने जाने वाले व्यक्तियों को सम्मानित कर के चोरडिया परिवार छात्रों सहित समाज को प्रेरित कर रहा है। वे यहां पुणे स्थित विश्व स्तरीय सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट की 25वीं (सिल्व्हर ज्युबिली) वर्षगांठ पर सूर्यदत्ता राष्ट्रीय पुरस्कारों का वितरण अवसर पर बोल रहे थे। ‘सूर्यदत्ता’ के बावधन कॅम्पस में हुए इस भव्य समारोह में अहिंसा विश्वभारती के संस्थापक आचार्य डॉ. लोकेशमुनिजी, अक्षरधाम परिवार के ज्ञानवत्सल स्वामी महाराज, भजनसम्राट अनुप जलोटा, मुरलीकांत पेठकर, अभिनेता रझा मुराद, ‘सूर्यदत्ता’ के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया, उपाध्यक्षा सुषमा चोरडिया, मुख्य विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम में अक्षरधाम परिवार के ज्ञानवत्सल स्वामी महाराज को ‘सुर्यरत्न-द मॉडर्न सेंट ऑफ इंडिया’ से सन्मानित किया गया। वरिष्ठ मिडिया कर्मी विजय दर्डा, राष्ट्रीय मुख्य सलाहकार डॉ. गुलशन राय, बँकिंग विशेषज्ञ विद्याधर अनास्कर, विधिज्ञ ऍड. सुधाकर आव्हाड, ज्येष्ठ गायक पं. सुहास व्यास, अभिनेता रणजीत बेदी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अनिल शहा, डॉ. धीरज शहा (ग्लोबल अवार्ड) को ‘सूर्यदत्ता जीवनगौरव पुरस्कार’ प्रदान किया गया। विजय दर्डा की ओर से ‘लोकमत’ के संपादक संजय आवटे ने पुरस्कार का स्वीकार किया। अर्थक्रांति संस्था (अनिल बोकील), अंतरराष्ट्रीय कलाकार सुदर्शन पटनाईक, संगीतकार अबू मलिक, माहिती तंत्रज्ञान तज्ज्ञ गुरमित सिंग, सामाजिक कार्यकर्ता शेखर मुंदडा, अध्यात्मिक गुरु सरिताबेन राठी, ट्रेनर अँड कन्सल्टंट ओमी भटनागर, अभिनेता मंगेश देसाई, गिर्यारोहक उमेश झिरपे, अर्थतज्ज्ञ रवींद्र बोरटकर को ‘सूर्यदत्ता राष्ट्रीय पुरस्कार’ प्रदान किया गया। अदम्या राज (ग्लोबल अवॉर्ड), डिजिटल इंफ्लून्सर कृष्णराज महाडिक, भूशास्त्र अभ्यासक सोनित सिसोलेकर को ‘सूर्यदत्ता नॅशनल यंग अचिव्हर अवॉर्ड’, तभी ऍप डिझायनर अनोष्का जॉली, मेंटॉर अवि शर्मा, बालकलाकार देशना दुगड को ‘सूर्यदत्ता लिट्ल मास्टर नॅशनल अवॉर्ड’ से नवाजा गया। इस दौरान डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने कहा, शिक्षा से समाज विकसित होता है। अनुसंधान ज्ञान निर्माण करता है। इनोव्हेशन ज्ञान को उत्पादन में परावर्तित करता है। सही मायने में सर्वांगीण शिक्षा, अनुसंधान व इनोव्हेशन ये विकास की त्रिसूत्री है।


ज्ञानवत्सल स्वामीजी महाराज ने कहा कि गुरुकृपा आध्यात्म की मूल धारा है। गुरु हमें प्रेरणा देता है। हम प्रमुख स्वामीजी महाराज के दिखाए मार्ग पर चल रहे है। वे बोले, जीवन में हमें अहंभाव छोड़कर निस्वार्थ सेवा करनी चाहिए। अक्षरधाम परिवार भारतीय परंपरा व संस्कृति को दुनिया के सामने ला रहा है। विश्व भर में अक्षरधाम मंदिर के माध्यम से मानवता, मूल्यों के साथ विचार देने का हमारा प्रयास है। स्वामीजी ने कहा कि समृद्ध व सकारात्मक विचारों के साथ समय का नियोजन, अच्छी साथसंगत और जीवन को समतल बनाए रखकर हमें जीना चाहिए। प्रामाणिक प्रयास और भाग्य का मिलाप हो तो हम यशस्वी बन सकते है।
आचार्य डॉ. लोकेशमुनिजी ने ने भी विचार रखे। डॉ. संजय बी. चोरडिया ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस साल सूर्यदत्ता संस्थान सिल्व्हर ज्युबिली मना रही है। इस विशेष वर्ष में हम जीवन गौरव, राष्ट्रीय पुरस्कार, यंग आचिव्हर व लिटल मास्टर पुरस्कार से 25 व्यक्तियों को सम्मानित कर रहे है। समाज व राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने वाले, जीवन में सफलता हासिल करने वाले इन व्यक्तियों का कार्य हम सबके लिए प्रेरणादायी है।
सूर्यदत्ता एज्युकेशन फाउंडेशन व अहिंसा विश्वभारती के बीच मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग भी साइन किए गया। प्रशांत पितालिया व श्रुती काबरा ने संचालन किया। सुषमा चोरडिया ने सभी का आभार ज्ञापित किया।
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