
धन तभी सार्थक हैं*
*जब धर्म भी साथ हो*।
*विशिष्टता तभी सार्थक हैं*
*जब शिष्टता भी साथ हो*।
*सुंदरता तभी सार्थक हैं*
*जब चरित्र भी शुद्ध हो*।
*रिश्तों का होना तभी सार्थक हैं*
*जब उसमे प्यार और विश्वास हो*|
*सुंदरता हो न हो , सादगी होनी चाहिए*
*उच्च शिक्षा हो न हो , संस्कार होने चाहिए*
*रिश्ता हो न हो, भावना होनी चाहिए*
*मुलाकातें हों न हों , बातें होनी चाहिए*
*यूं तो उलझे हैं सभी , अपनी – अपनी उलझनों में*
*पर सुलझाने की कोशिशें, हमेशा – दिल से होनी चाहिए*
*यदि आप स्वयं प्रसन्न हैं,*
*तो जिन्दगी उत्तम है,*
*परन्तु,,,,,*
*यदि आपकी वजह से लोग प्रसन्न है,*
*तो यह तो,और भी,सर्वोत्तम है!!*
*प्रणाम*
*सुरक्षित
रहें योग
करें स्वस्थ
रहें खुश
रहें*





*पानी
बचाएं बिजली
बचाएं पेड़
पौधे
लगाएं*




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