लुधियाना: फैशन की दुनिया में पम्मी दुआ ने काफी नाम कमाया है सेलिब्रिटी फैशन डिजाइनर पम्मी दुआ म्यूजिक में एम ए है इन्होंने टीचिंग भी की है और कई बिग स्टेज पर लाइव कीर्तन करती हैं और इन सबके अलावा साथ ही साथ कई फैशन शो भी ऑर्गेनाइज करती हैं पम्मी दुआ के सपनों को साकार करने में इनके हस्बैंड ने इनका साथ दिया शादी के बाद पम्मी दुआ के पति इनका हर काम में साथ देते है शादी के बाद बिना पति के सपोर्ट के आगे भड़ना मुश्किल है अगर हौसले बुलंद हो तो सपने जरूर पूरे होते हैं माता-पिता व पति, बच्चो के सपोर्ट से सेलिब्रिटी फैशन डिजाइनर पम्मी दुआ अपना मुकाम हासिल कर अपना व अपने परिवार का नाम रोशन कर रही है अपनी खुद की पहचान बना रही है
फैशन डिजाइनर, संस्कृति एवं सामाजिक व्यवहार से प्रभावित होकर कपड़े डिजाइन करते है सभी फैशन डिजाइनरों का उद्देश्य कपड़ों के माध्यम से उपभोक्ता के सौन्दर्य में वृद्धि कर उन्हें सन्तुष्ट करना होता है फैशन बहुत ही अल्पकालिक और गतिशील होता है वर्ष के दौरान मौसम परिवर्तन होने पर फैशन भी बदलते रहते हैं इसलिए अगर फैशन की इस दुनिया में बने रहना है तो पूरी सजगता के साथ दुनिया के दस्तूर को समझना होगा कोरोना ने फैशन के रंग-रूप को भी बदल दिया है अब ड्रैसेज में सिंपल, सोबर और रॉयल लुक को पसंद किया जा रहा है वैस्टर्न ड्रैसेज से लेकर इंडो-वैस्टर्न में सादगी नजर आती है सादगी के साथ डिजाइनिंग ऐसी है कि लुक एट्रैक्टिव नजर आए
सेलिब्रिटी फैशन डिजाइनर पम्मी दुआ ने बताया कि आज की दुनिया में फैशन बहुत तेजी से अपना रुप बदल रहा है इसलिए फैशन की दुनिया में बने रहना है तो हमेशा सजग रहना होगा अपने आप को बदलने के लिए भी हमेशा तैयार रहना होगा क्योंकि अगर आप अपने काम को लेकर सजग नहीं रहेंगे आने वाले फैशन की नए चीजों के बारे में जल्दी नहीं जान पाएँगे तो आप फैशन की दुनिया से बाहर हो जाएँगे
बदलते प्रचलन के अनुरूप कपड़े डिजाइन करने वाले को फैशन डिजाइनर कहा जाता है वह कपडे की बनावट, रंग एवं व्यक्ति पर इसके विशेष प्रभाव कीं कल्पना करने में सक्षम होता है किस व्यक्ति पर किस प्रकार के कपडे अच्छे लगेंगे वह इसका भी अनुमान आसानी से लगा लेता है, इसलिए सिनेमा जगत् के कलाकार पर्दे पर अधिक खूबसूरत दिखने के लिए अपना अलग फैशन डिजाइनर नियुक्त करते है
कपड़ों को डिजाइन करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि उन्हें किस मौसम में या किस अवसर पर पहनना है जाड़े के कपडों और गर्मी के कपडों में काफी अन्तर होता है शादी अथवा पार्टी आदि अक्सरों पर पहने जाने वाले कपड़े विशेष तौर से आकर्षक बनाए जाते हैं सभ्यता की शुरूआत के साथ ही फैशन की शुरूआत मानी जा सकती है सभ्यता-संस्कृति में परिवर्तन के साथ ही लोगों के पहनावे में अन्तर देखने को मिलता है
देश के फैशन डिजाइनरों को इसके माध्यम से अपने हुनर के प्रदर्शन के लिए मच दिए जा रहे हैं कपड़ा मन्त्रालय एवं अन्य सम्बन्धित सरकारी निकाय के द्वारा फैशन उद्योग को मदद दी जा रही है आज भारत में कृषि उद्योग के बाद फैशन उद्योग ही सबसे बड़ा उद्योग है आज भारत कपास उत्पादन के क्षेत्र में विश्व का तीसरा, सिल्क के क्षेत्र में दूसरा और मानव निर्मित रेशों के क्षेत्र में पाँचवाँ सबसे बड़ा उत्पादक देश है वर्तमान समय में हमारे देश में फैशन शो एवं फैशन वीक का चलन भी तेजी से बढता जा रहा है। (RIHAN ANSARI 9927141966)