पीस विथ कैंसर एक ऐसे संस्था जिसका मकसद है कैंसर के जंग लड़न। न सिर्फ ये संस्था कैंसर पेशेंट्स के साथ है बल्कि पीस विथ कैंसर हर वो कोशिश कर करते है जिससे कैंसर को जड़ से ख़तम किया जा सकत। पीस विथ कैंसर के संचालक श्रीमती काजल पल्ली का कहना है उन्होने कैंसर को जिया है और महसूस किया वो दर्द जहाँ कैंसर सिर्फ आपके सहत ही नहीं आपके परिवार से सब खुशिया पैसा, सुकून, छीन लेता है। काजल पल्ली का ये कैंसर के जंग शुरू होती है उनके भाई के मौत के साथ, खुद २ बार कैंसर के जंग लड़ने के बाद और अपने माँ और भाईको कैंसर से खोने के बाद काजल पल्ली का मकसद बन गया है
कैंसर के बारे में ज़ादा से ज़ादा जानकारी लेना। कैंसर के बारे में हर फाहलु जाने के लिए काजल पल्ली से अधयातम का रास्ता भी लिय। काजल पल्ली का कहना है ” मरे परिवार के ५ लोगो में से तीन उन लोगो को कैंसर को झेलना पड़ा जो बहुत शांत, सब के मुताबिक चलने वाले लोग थे, तो भाई के जाने के बाद ये सवाल बार बार परेशां करता तहत आस लोगो के साथ हे ऐसा क्यों होता है बहुत सारे कैंसर डॉक्टर्स, सीक्योलॉजिस्ट , बहुत सारे कैंसर रेसेअर्स तो पड़ने के बाद ये तो समाज आ गया के कैंसर के जड़ बहुत गहरी है हमारे इमोशनल हेल्थ, फीलिंग तो कैसे हम वयकत करते है, आपका रहने सहन, प्रकृति के साथ आप कितना जुड़े है’ पीस विथ कैंसर ने बहुत सारे कैंसर जागरूकता के लिए इवेंट्स करता रहता है। पीस विथ कैंसर में काजल पल्ली के साथ उनके सहयोगी नेहा सिन्हा मेट्रो हॉस्पिटल के साथ मिल के कैंसर पेशेंट्स के हर सत्तर पे मदत करती है। 11 पीस विथ कैंसर के टीम जिसमे कॉन्सुललोर, मनोविज्ञान चिकिस्तक , योग गुरु , कैंसर के जंग गीत चुके योद्धा है, लाइफस्टाइल कोच, फिजिकल ट्रेनर्स जो दुनिया को प्ररिरत करते है कैंसर आपके दरवाज़े पे आ जाये उससे पहले आप ज़िन्दगी को अपने हाथ में लेना कितना ज़रूरी है।
काजल पल्ली पीस विथ कैंसर के संचालक मानते है ये सफर बहुत लम्बा आउट मुशिकल है पर अगर उन्हे अकेले भी इस्पे चलना पड़ा तो वो पीछे नहीं हटे गए , मुश्किल का लोगो को इस मानसिकता से निकलना जब तक कैंसर या कोई और बिम्मरि नहीं आती तब तक अपने खान पान , लाइफस्टाइल , प्रकृति के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करना पर जहाँ चाहा वहाँ रह ये सपना कैंसर से मुक्त दुनिया का सपना पीस विथ कैंसर का ज़रूर पूरा होगा ऐसा काजल पल्ली का दिल से मानना हैं। (RIHAN ANSARI 9927141966)