रिहाई के बाद में अपना व्यवसाय शुरू कर एक नये जीवन की शुरुआत करने का इंतज़ार कार रहा हूँ! बंदी शिवम्,अथरोली से
परिवार से दूर होने के बाद ही जीवन में रिश्तों का महत्व पता चलता है और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है फिर भी आशा इंसान को कभी नहीं चौढ़नी चाहिए और आपने अंदर हमेशा बदलाव लाने की पहल करनी चाहिये!
अलीगढ़ ज़िला कारागार में सामाजिक संस्था आज़ाद फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा विगत वर्षों से निरंतर बंदी क़ैदियों के साथ सामाजिक बदलाव के लिए कार्य किया जा रहा है संस्था द्वारा सामाजिक सौहार्द को बनाये रखनें के लिये चाहे रक्षा बंधन हो ईद,होली,दिवाली जैसे त्योहारों हो बंदी क़ैदियों के साथ ख़ुशिया बाटने व उनके चेहरों पर मुस्कान बनाए रखने,साथ ही उन्हें कोशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भरबनने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है! सामाजिक कार्यकर्ता संस्था की सचिव शाज़िया सिद्दीकी का कहना है समाज की एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा उद्देश्य है कि हम बंदियों के जीवन को पुरंनिवास कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ सके ताकि जब भी उनकी रिहाई हो वो आत्मविश्वास के साथ अपना कारोबार शुरू कर सके! वरिष्ठ जेल अधीक्षक ब्रिजेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जेल एक रेहबीलेट सेंटर है कोई भी मनुष्य जन्म से अपराधी नहीं होता परिस्थितियों का इसमें बहुत बढ़ा कारण है! जेल में बिताये समय को उपयोगी बनाने हेतु हम सामाजिक संस्था आज़ाद फाउंडेशन के माध्यम से बंदी क़ैदियों को कोशल विकास से योग्य बना एक बेहतर समाज का निर्माण करेंगे!
हाल ही में राष्ट्रीय कृषि एवम् ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से संस्था ने अलीगढ़ जेल में 60 बंदियों को “कोशल विकास पहल” के तहत पुरुष बंदियों को एलईडी बल्ब की मरम्मत,निर्माण,झालर लाइट,इलेक्ट्रिक दिये,बिजली के बोर्ड आदि जैसी कोशल विकास कार्यों का प्रशिक्षण व महिला बंदियों को ब्लॉक प्रिंटिंग,धागा कढ़ाई,ज़री वर्क,गोटा पत्ती वर्क,रेशम कढ़ाई,सिलायीं,कश्मीरी कढ़ाई,लखनवी कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया गया! जिसमें पुरुष बंदियों में शिवम्,मनीष व मयंक ने सर्वश्रेष्ठ कार्य किया वही महिला बंदियों में ज़रीन,सोनिया व दिलदारा ने सराहनिये कार्य किया जिसके लिये चयनित ट्रेनीस को मोमेंटो सर्टिफिकेट व मेडल देकर सम्मानित किया गया!“कोशल विकास पहल” कार्यक्रम अलीगढ़ वरिष्ठ जेल सुप्रिटेंडेंट ब्रिजेंद्र कुमार सिंह के दिशा निर्देशन में डिप्टी जेलर संदीप श्रीवास्तव राजेंद्र कुमारी के नेतृत्व में संपन्न हुआ!
बंदी शिवम् कहते है कि रिहाई के बाद में अपना व्यवसाय शुरू कर एक नये जीवन की शुरुआत करने का इंतज़ार कार रहा हूँ! मैं आपने हुनर के ज़रिये भविष्य में जलद ही अपना कारोबार शुरू कर अपने साथियों को भई अपने साथ जोड़ूगा!